बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

'फार्ट अटैक' करना भी एक कला है...(विरासत के झरोखे से...भाग-नौ)

विश्वत सेन

बात 1990 के दशक की है। गर्मी का मौसम था और शाम का समय। वहीं करीब पांच बजे रहा होगा। हम बच्चे घर के पास महुआ के पेड़ के नीचे बैठ घटिया रहे थे। साथी खिलाड़ियों का इंतजार था कि आएं, तो घर के सामने वाले फील्ड में फुटबॉल खेलना जाए। उधर, बाबा घर के सामने खटिया बिछाकर किसी की जन्म कुंडली बना रहे थे। उनकी खाट के नीचे हमारा 'कारा' कुत्ता बैठा था। बाबा का कुत्तों से बैर रहता, मगर कारा खासकर उनकी खाट के नीचे ही बैठता। खैर, हम बच्चे बात कर ही रहे थे कि अचानक बम फटने जैसी धड़ाम की आवाज हुई और इस आवाज के साथ ही बाबा की खाट के नीचे बैठा कारा जोर से भौंकते हुए निकला और फील्ड का पता नहीं कितना चक्कर लगा गया। उधर, हम बच्चों को हंसते-हंसते पेट में बल पड़ गया, मगर हंसी थमने का नाम न ले। हालांकि, हमें थे कि बाबा जोर का फार्ट मारते हैं, मगर हंसी कारें की हालत देखकर आ रही थी। उस बेचारे को लाख पुकारें मगर न चुप होने का नाम ले और न रुकने का और बार-बार बाबा की ही ओर मुंह करके भौंके। इसकी परिणति यह हुई कि बाबा अगर दुरा पर बैठ जाएं, तो कारा फील्ड में चला जाए बाबा उसे कभी-कभार प्यार से बुलाएं भी, तो वह उनके पास सटता ही नहीं।
अच्छा, ऐसा भी नहीं था कि बाबा एकांत में फार्ट मारते, जब वह निकलने को होता, तो मार देते। वे उसे अपानवायु कहते। उनके पास मारने की कला भी थी। अगर वे राह में चल रहे होते और फार्ट जोर मार गया, तो धोती पकड़कर 'चुर-चुर, चुर-चुर' करते हुए कुछ दूर चले जाते। खंड़ाऊ की आवाज के साथ फार्ट की आवाज एक अलग आवाज बनाती।
बात फार्ट की है, तो यह जान लेना भी जरूरी है कि उसे निकालना भी बहुत जरूरी है। फार्ट निकालना जीवन का सामान्य प्रक्रिया है, कई बार अगर तेज आवाज के साथ फार्ट निकल जाए तो शर्मिंदगी महसूस होती है। 
एक रिसर्च के मुताबिक, इसमें शर्मिंदगी की कोई बात नहीं बल्कि यह आपके पाचनतंत्र के स्वस्थ होने का संकेत है। पेट के अंदर गैस बनने से हवा निकलती है और हमेशा हवा छोड़ते समय आवाज नहीं होती या दुर्गंध नहीं फैलती है।
एक व्यक्ति औसत रूप से दिन में 14 बार हवा छोड़ता है। ज्यादातर समय हवा बगैर आवाज के बाहर निकलती है और ऐसे में ज्यादातर कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस निकलती है। जब तेज गंध के साथ हवा निकलती है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको फाइबर लेवल सही मिल रहा है और आपकी आंत में पर्याप्त संख्या में अच्छे बैक्टीरिया हैं। आपकी गैस से बहुत ही असहनीय गंध आती है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप अस्वस्थ हैं। इसके उलट इसका मतलब यह है कि आप ऐसी चीजें खा रहे हैं, जिससे हाइड्रोजन सल्फाइड गैस काफी मात्रा में पैदा हो रही है। साथ ही इसका यह मतलब भी है आप हाई फाइबर वाली डायट ले रहे हैं। गैस से गंध निकलना उस समय चिंताजनक हो सकता है जब आप डेयरी उत्पाद का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
हायर पर्सपेक्टिव नाम की पत्रिका के मुताबिक, फार्ट (हवा छोड़ना) में गंध मुख्य रूप से हाइड्रोजन सल्फाइड के कारण आती है। हम कई तरह के खाने खाते हैं जिनके पचने के बाद कम्पाउंड्स यानी हाइड्रोजन सल्फाइड बनती है। इससे कई तरह की गंध पैदा होती है जो गैस के साथ बाहर निकलती है। जब फार्ट में तेज गंध हो तो यह इस बात का मजबूत संकेत है कि आपके पेट में सब कुछ ठीक है।
कई स्टडी में यह बात सामने आई है कि गैस सूंधने वाले लोगों को भी फायदा होता है। मेथेन की गंध बीमारियों के खतरे को कम कर देती है और लोगों को लम्बे समय तक जिंदा रहने में मदद करती है। इस गंध से सही होने वाली एक बीमारी डिमेंशा है। हाइड्रोजन सल्फाइड इस बीमारी में जिस तरह एंजाइम काम करते हैं, उस तरीके को बदल देती है।
हालांकि आपको इस बात को लेकर सचेत रहना है कि कहां गैस छोड़ी जाए लेकिन गैस से डरने की जरूरत नहीं है। अगर उसमें गंध है तो इसका मतलब आप अच्छा काम कर रहे हैं।

जारी....

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