विश्वत सेन
लाजो न लागौ सजनवा तोरा, सब जनवा मोराबे हो।
जनवा मोराबे तू काहे सजन, मनवा भरमावै हो।
लाजो न लागौ सजनवा तोरा.....
चाह बेच चहबच्चा बनैलों, बचन बेच कै बागी;
आह बेच अलबत्ते कमैलों, बचे न कोई रागी;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सब जनवा मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा....
गाय-माय नहिं हाय लेबै हे, आह भरै नहीं नानी;
धांय-धाय तुहि प्राण लेबै जो, स्याह भई है जवानी;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सब जवना मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा...
भोट मिलौ नहिं चोट करे तू, घोंट-घोट मन खोट करै तू;
नोच-खसोट कै नोट भरै तू, लोटपोट तन सोंट करै तू;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सनतवा मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा, सब जनवा मोराबे हो।
~घड़ियाल बाबू
लाजो न लागौ सजनवा तोरा, सब जनवा मोराबे हो।
जनवा मोराबे तू काहे सजन, मनवा भरमावै हो।
लाजो न लागौ सजनवा तोरा.....
चाह बेच चहबच्चा बनैलों, बचन बेच कै बागी;
आह बेच अलबत्ते कमैलों, बचे न कोई रागी;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सब जनवा मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा....
गाय-माय नहिं हाय लेबै हे, आह भरै नहीं नानी;
धांय-धाय तुहि प्राण लेबै जो, स्याह भई है जवानी;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सब जवना मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा...
भोट मिलौ नहिं चोट करे तू, घोंट-घोट मन खोट करै तू;
नोच-खसोट कै नोट भरै तू, लोटपोट तन सोंट करै तू;
अब्बो न जो तू संभरबे सजनवा, सनतवा मोराबे हो;
लाजो न लागौ सजनवा तोरा, सब जनवा मोराबे हो।
~घड़ियाल बाबू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें